Wednesday, August 11, 2010

shaitani chaal शैतानी चंगुल में फंसता समाज sharif khan

पैग़म्बर हज़रत मौहम्मद सल्ल० की शान में गुस्ताख़ी के तौर पर डेनमार्क के एक समाचार पत्र में कार्टून छापने जैसा दुस्साहसिक कार्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों के खिलाफ़ चल रहे विभ्न्नि प्रकार के षडयन्त्रों की श्रंखला की एक कड़ी है। अन्तर्राष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक़ जिस देश में कोई जुर्म होता है उसी देश के क़ानून के अनुसार अभियुक्त के खि़लाफ़ कार्यवाही होती है। चूंकि डेनमार्क की सरकार ने इस हरकत को ‘विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता‘ का नाम देकर साफ़ तौर पर कह दिया है कि प्रत्येक व्यक्ति को स्वतन्त्र रूप से अपने विचार व्यक्त करने का अघिकार है इसलिये सरकार इसके खि़लाफ़ कोई कार्यवाही नहीं कर सकती। इन परिस्थितियों में ‘विचारों की अभिव्क्ति की स्वतन्त्रता’ की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्याख्या की आवश्यकता है।
बारूद के ढेर पर बैठे हुए संसार की बरबादी के लिये विकृत मनोवृत्ति के व्यक्ति के द्वारा किया गया कोई एक कार्य ही चिंगारी साबित हो सकता है। चाहे वह कार्य किताब के रूप में हो या कार्टून के रूप में हो अथवा किसी धर्मग्रंथ में दिये गए आदेशों, निर्देशों में परिवर्तन की मांग के रूप में हो या फिर किसी समाज की आस्था का ध्यान न रखते हुए उसके द्वारा पूजनीय देवी-देवताओं के अश्लील चित्रों के रूप में हो। इसके साथ एक बात और भी आवश्यक है कि ऐसे समाज दुश्मन लोगों अथवा संस्थाओं के समर्थन में लामबन्द होने वाले लोग भी इस कार्य में बराबर के भागीदार माने जाने चाहिएं और उन पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
अल्लाह के क़ानून के अनुसार इस्लामी हुकूमत में पैग़म्बर सल्ल० की शान में गुस्ताख़ी करने वाले की सज़ा मौत है। सारे भेदभाव भुला कर बुद्धिजीवी वर्ग को चाहिए कि सब मिलकर यू०एन०ओ० जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्था पर इस बात के लिये दबाव बनाएं कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि किसी भी देश को इस बात की छूट न दी जाए कि वहां का कोई भी नागरिक संविधान का सहारा लेकर ऐसी हरकत कर बैठे जिसके नतीजे में लोगों की भावनाओं, आस्था और विश्वास को ठेस पहुंचे तथा इसके कारण ऐसे हालात पैदा न हो जाएं जिनके नतीजे में लोगों को क़ानून अपने हाथ मे लेने के लिए मजबूर होना पड़े।
हमारे देश में दूसरे क़िस्म की शैतानी चाल चली जा रही है जिसके चंगुल में फंसकर एक बहुत बड़े समाज की आस्थाओं को चोट पहुंचाई जा रही है। उस चाल के अनुसार उस समाज के द्वारा पूजे जाने वाले देवी, देवताओं व अवतारों के चरित्र पर अश्लील टिप्पणियां उसी समाज के किसी व्यक्ति के द्वारा करवा कर परस्पर वैमनस्य के बीज बोए जा रहे हैं। चूंकि टिप्पणी करने वाला व्यक्ति उसी समाज से सम्बन्धित होता है अतः उसके विरोध में कोई आवाज़ नहीं उठती जिसके नतीजे में उन सब अनर्गल बातों को विरोध के अभाव में मान्यता प्राप्त समझ लिया जाता है और फिर यह सब बातें दुष्प्रचार में सहयोगी साबित होती हैं।

10 comments:

संजय बेंगाणी said...

हिन्दू देवताओं की शान में गुस्ताखी करने वालों की क्या सज़ा है?

बलबीर सिंह (आमिर) said...

राम के नाम पे मैंने बहुत कुछ किया, फिर भी उपर वाले ने मुझ जैसे पापी को हिदायत दे दी, उसके यहां देर है अन्‍धेर नहीं, आप दुआ किजिये दवा वह करेगा

Anonymous said...

UNO to is baare sochnge bhi nahi ki aisaa kuchh ho sakta hai.

Satish Saxena said...

@ शरीफ खान साहब ,
जो कुछ भी हो रहा है खेद जनक है , और इसमें कुछ लोगों को मुखर होकर आगे आना चाहिए ! धर्म एक व्यक्तिगत मसला है मैं उन्हें महा मूर्ख मानता हूँ जो दुसरे धर्म को बुरा बताते हैं कैसे लोग हैं ये और कौन हैं इनका गुरु ?? मुझे नहीं लगता कोई भी धर्म यह कहता हो की की विधर्मियों की आस्थाओं पर प्रहार करो !
देर सबेर ऐसे लोग पछतायेंगे कि उन्होंने बहुत बुरा कार्य किया !
शुभकामनायें !

Sharif Khan said...

बलबीर सिंह (आमिर) साहब !
पवित्र कुरान में अल्लाह फरमाता हैं 'जो हो चुका सो हो चुका' यह अल्लाह की तरफ़ से बहुत बड़ा इनाम है. गुमराही के दौर में की हुई गलतियों पर कोई पकड़ नहीं होगी. अल्लाह अपनी रहमत से सब माफ़ फ़रमा देगा.

Sharif Khan said...

संजय बेंगाणी साहब!
पक्षपात का चश्मा उतारे बिना सज़ा का दिया जाना अन्याय बन जाता है जिसके नतीजे में एक पक्ष निरंकुश हो जाता है और दूसरा पक्ष निराश होकर बदला लेने की भावना से ग्रसित हो जाता है. भुगतना जनता को पड़ता है.

Ayaz ahmad said...

आपने ठीक लिखा शरीफ साहब

आपका अख्तर खान अकेला said...

sharif bhaayi inshaa alah aese logon ko alaah jldi hi smjhegaa or zlil kregaa. akhtar khan akela ktoa rajsthjan

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

ऐसा ही करना चाहिये था हुसैन के साथ. है न शरीफ मियां..

Sharif Khan said...

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ji!

मुजरिम चाहे कोई हो उसको किये की सजा तो मिलनी ही चाहिए.