अरबी भाषा का एक शब्द है ‘उलू‘ जिसका अर्थ है बुलन्दी, ऊंचाई, महानता।
इसी प्रकार से एक शब्द है ‘दुनू‘ जिसका अर्थ है पस्ती, गिरावट, निम्नता।
उलू से बना आला जिसका अर्थ हुआ महान या ऊंचा
और दुनू से बना अदना जिसका अर्थ हुआ निम्न या नीचा।
आला शब्द का स्त्रीलिंग होता है उलिया।
अतः जिस प्रकार से हम किसी महापुरुष के लिये कहते हैं आला हज़रत .....
उसी प्रकार से किसी महान महिला के लिये कहेंगे उलिया हतज़रत ........
इसी के अनुसार अदना शब्द का स्त्रीलिंग होता है दुनिया अर्थात् निम्नतम श्रेणी से सम्बन्धित चीज़ के लिये दुनिया शब्द बनता है।
अल्लाह ने पूरी कायनात (ब्रह्माण्ड) में सबसे बेहतर (आला) इन्सान को बनाया है। और उसको निम्नतम श्रेणी से सम्बन्धित स्थान अर्थात् दुनिया में भेजा। इसके साथ ही अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए दुनिया से विदा होने पर मनुष्य की जो स्थिति होती है उसको उदाहरण के तौर पर समझाने हेतु हम कह सकते हें कि सफ़ेद कपड़े पहनाकर यदि कुछ लोगों को कोयलों की कोठरी में से होकर गुज़ारने के बाद उनका अवलोकन करें तो हम देखेंगे कि किसी व्यक्ति के कपड़ों पर कम दाग़ होंगे, किसी के कपडों पर अधिक होंगे, कुछ के कपड़े ऐसे होंगे कि रंग का पता ही न चलेगा और उनमें जो उत्तम श्रेणी के लोग होंगे उनके कपड़ों पर कोई दाग़ न होगा और वही कामयाब कहलाने के हक़दार होंगे। इन्हीं सब बातों को ध्यान नें रखते हुए हमको अपने जीवन का मक़सद समझना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि इस दुनिया से विदा होते समय हमारा दामन दाग़दार न हो।
10 comments:
Subhan Allah
shrif uncl aadaab asslaamo alekum bhut khub or sch likhaa he khudaa kre aapki yeh sikh mujhe kmse km paak daamn bnaa de. akhtar khan akela kota rajsthan meraa hindi blog akhtarkhanakela.blogspot.com he jo akhtar khan akela ke titl se khulta he
very informative post. thank you.
अच्छी जानकारी के लिए शुक्रिया.
good post
अरबी भाषा का एक शब्द है ‘उलू‘ जिसका अर्थ है बुलन्दी, ऊंचाई, महानता।
इसी प्रकार से एक शब्द है ‘दुनू‘ जिसका अर्थ है पस्ती, गिरावट, निम्नता।
उलू से बना आला जिसका अर्थ हुआ महान या ऊंचा
और दुनू से बना अदना जिसका अर्थ हुआ निम्न या नीचा।
आला शब्द का स्त्रीलिंग होता है उलिया।aapne bilkul sahi likha khan sahab
Dr. Ayaz ahmad sahib!
आपका बहुत शुक्रिया.
Dr. Ayaz ahmad से सहमत
इतना तो समझ में आ गया है,
आप मशाल्लाह काफ़ी तजुर्बेकार हैं, आपकी हर पोस्ट में इक नयी बात होती है,
अल्लाह करे ज़ोर ए क़लम और ज़्यादा..
आपके खयालात बेहतरीन हैं काश वाह वाही देने वाले इन्हें आत्मसात कर सकें ...शुभकामनायें !
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