भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा झूठ अंग्रेज़ों पर 'फूट डालो और राज करो' का आरोप है। अंग्रेज़ों के शासन काल में अगर हिन्दू मुस्लिम भाईचारा न होता तो देश अंग्रेज़ों के चंगुल से न छूटता। जब हिन्दू मुस्लिम भाईचारे ने देश आज़ाद करा दिया तो दोनों के दरमियान फूट वाली बात स्वतः ही गलत साबित हो जाती है। हालांकि हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को चोट पहुँचाने वाले आर एस एस जनित हिन्दुत्व ने उसी समय से अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी थीं और इस प्रकार के हिन्दुत्व वादियों के नैतिक पतन का यह हाल था कि बजाय आज़ादी की जंग में भाग लेने के वह लोग क्रांतिकारियों के ख़िलाफ़ अंग्रेज़ों से मधुर सम्बन्ध बनाने में भी नहीं चूकते थे।
'फूट डालो और राज करो' के फार्मूले पर अमल देखना है तो आज का हिन्दोस्तान देख लीजिये। इस समय एक ओर तो उसी हिन्दुत्ववादी सम्प्रदाय की तीसरी पीढ़ी जन्म ले चुकी है और साथ ही इस पीढ़ी को उत्तराधिकार में मिला मुसलमानों से दुर्भाना वाला हिन्दुत्व मुसलमानों के प्रति नफ़रत में परिवर्तित होकर चरम सीमा पर पहुँच चुका है जिसके नतीजे में देश धरती के रूप में चाहे अखण्ड प्रतीत होता हो लेकिन हिन्दू मुस्लिम के रूप में खण्डित हो चुका है। इस पीढ़ी द्वारा मुसलमानों के हितों पर आघात किया जाना अभियान का रूप ले चुका है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो देश के बिखरने में देर नहीं लगेगी।
देश को बिखरने से बचाने का और उन्नति की राह पर डालने का केवल एक ही रास्ता है और वह है हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को दोबारा क़ायम करना जोकि इस समय ज़्यादा मुश्किल नहीं है। मुश्किल इसलिए भी नहीं है क्योंकि देश में हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को खण्डित करने और साम्प्रदायिकता का बीज बोने वाले जितने भी अराजक तत्व हैं वह भाजपा के रूप में एक जगह जमा हो चुके हैं लिहाज़ा इनकी पहचान करना कोई समस्या नहीं है। यदि देश के बुद्धिजीवी वर्ग, सामाजिक कार्यकर्त्ता और देश की उन्नति में योगदान करने के इच्छुक लोग भाजपा को देश के लिए अछूत बना सके तो हिन्दू मुस्लिम पहले की तरह भाई भाई की तरह रहने लगेंगे और मिलजुल कर देश को बिखरने से बचा लेंगे।
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