Tuesday, March 28, 2017

उत्तर प्रदेश के नागरिक अपमानित जीवन जीने के लिए क्यों मजबूर किये जा रहे हैं? Sharif Khan

बहुत पुरानी बात है हमारे एक मित्र इंग्लैण्ड चले गए थे और उनको वहां की नागरिता प्राप्त हो गई थी। उनकी माँ और एक अविवाहित बहन यहीं रहते थे जिनके खर्चे के लिये वह इंग्लैण्ड से रूपये भेजा करते थे। एक बार जब वह भारत आए तब मुझसे मुलाक़ात होने पर बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद को विवाहित दर्शाया हुआ है और पत्नी के नाम के कॉलम में अपनी बहन का नाम दर्ज कराया हुआ है ताकि सरकार से मिलने वाला फ़ैमिली भत्ता हासिल कर सकें। इस प्रकार प्राप्त होने वाले उस धन को वह भारत में अपनी माँ और बहन के खर्च के लिये भेज दिया करते हैं। मैंने जब उनसे पूछा कि आपकी अगर शिकायत हो जाए तो आप थोड़े से लाभ के लिये क़ानून की गिरफ़्त में आ जाएंगे। इसके जवाब में उन्होंने जो कहा केवल वह सुनाने के लिये इतनी कहानी सुनानी पड़ी है।
उन्होंने जवाब दिया था कि मुझे गर्व है उस देश का नागरिक होने पर कि जहां इस तरह की शिकायत प्राप्त होने पर सरकार यह कह कर उस शिकायत को नज़रअन्दाज़ कर देती है कि इस देश का नागरिक इस तरह का झूट नहीं बोल सकता और सरकार ऐसी शिकायत की सुनवाई करके अपने नागरिक के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाएगी।
उत्तर प्रदेश में जिस तरह सरकारी और ग़ैरसरकारी एण्टी रोमियो स्क्वाड बना कर प्रदेश भर में फैला दिये गए हैं उन्होंने ऐसा आतंक फैलाया हुआ है कि शरीफ़ लोगों के लिये अपने नौजवान बच्चों को बाहर भेजना कठिन हो गया है।
अजीब बात यह है कि क़ानून द्वारा वैध की गई लिव इन रिलेशन शिप के अन्तर्गत साथ रहने वाले बालिग़ लड़के लड़की का साथ साथ घर के बाहर निकलना किस तरह अवैध हो सकता है।
इस समय इन एण्टी रोमियो दस्तों द्ववारा की जाने वाली वारदातों में एक के अन्तर्गत तो देवरिया ज़िले में साथ साथ जा रहे भाई बहन को पकड़ कर कोतवाली ले जाया गया जहां उनके मां बाप द्वारा अपने बेटे बेटी के रूप में पहचान कराने के बाद ही उनको छोड़ा गया।
किसी शरीफ़ खानदान की बेटी को कोतवाली में ले जाए जाने पर उसके माँ बाप के दर्द को क्या विभिन्न प्रकार के आरोपों से ग्रस्त सरकार चलाने वाले लोग समझ पाएंगे? 
यहां एक ओर तो उपरोक्त इंग्लैण्ड की सरकार द्वारा अपने नागरिक के सम्मान की सुरक्षा की मिसाल है और दूसरी तरफ़ उत्तर प्रदेश में शरीफ़ लोगों को अपमानित जीवन व्यतीत करने पर मजबूर किया जा रहा है।
इस प्रकार जो सरकार अपने नागरिकों के सम्मान की भी सुरक्षा करने में समर्थ न हो उसको बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

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